फोन से पुरानी तस्वीरों का बोझ कुछ कम करने बैठी तो नज़रें उस आई-कार्ड के फोटो पर ठिठक गईं। कहीं घूमने जाओ तो टैक्सी या उसके ड्राइवर की फोटो खींच लेने की पुरानी आदत है पतिदेव की। उसका चेहरा और साथ गुज़ारे दो दिन एकदम से आखों के सामने घूम गए। ठीक एक बरस पहले उसी के भरोसे अब तक की सबसे दुरूह सड़क यात्रा की थी। गंगटोक होटल में जब उसे बोलेरो में हमारा सामान डालते देखा तो डर सी गई। इतना छोटा लड़का, ये ले जाएगा उन रास्तों पर जहां जा सकने के लिए खास परमिट लेनी होती है राज्य सरकार से, जिन रास्तों पर ना हर ड्राइवर जा सकता है ना हर गाड़ी।
“कल ही लौटा हूं वहां से, डरो मत, लेप्चा हूं मैं, 23 साल का हूं,
सीज़न में हर तीसरे दिन जाता हूं, उसने स्टीयरिंग व्हील पर बैठते हुए पूरे
प्रोफेशनल रुखाई से जवाब दिया।“ ये लो, एक तो रास्ता दुरूह उसपर रूखे स्वभाव का सारथी, हो गया काम।